वैदिक शिक्षा और सनातन संस्कारों के प्रचार-प्रसार में समर्पित हमारा संगठन
🪷ॐ दाशरथये विद्महे, सीता वल्लभाय धीमहि, तन्नो रामा: प्रचोदयात्.🪷
यह सोसायटी का उद्वेश्य श्री राम चरित मानस, वैदिक, पौराणिक महत्व को समाज के प्रत्येक मानव तक पहुंचना है। इस आधार पर संचालित किया जा रहा है। कोई दान, दक्षिणा, सहयोग अपनी स्वेच्छा से दे सकता है अन्यथा रामायण वैदिक एजुकेशन फाउंडेशन नहीं मांगता है। अगर कोई ऐसा करते पाया जाता हैं तो पुलिस प्रशासन को सूचित कर दिया जाएगा। यदि कोई ज्ञान दान, श्रम दान तथा समय दान दे सकते हैं तो हमारा रामायण वैदिक एजुकेशन फाउंडेशन परिवार उसका स्वागत करता है।
सभी आदरणीय सदस्यों, पदाधिकारी एवं संरक्षक से आग्रह है इस पुनित कार्य से जुड़े इस निवेदन के साथ रामायण वैदिक एजुकेशन फाउंडेशन परिवार।
🪷 उद्देश्य 🪷
1. दुर्बल कन्याओं को निशुल्क पाठ्य पुस्तकों को उपलब्ध कराना।
2. दुर्बल कन्याओं को निशुल्क कंप्यूटर कार्यक्रम उपलब्ध करना ताकि वे स्वाबलंबी बने।
3. दुर्बल कन्याओं को निशुल्क कला एवं सिलाई कढ़ाई आदि उपलब्ध कराना।
4. वैदिक ज्ञान विज्ञान की कार्यशाला, सेमिनार उपलब्ध कराना।
🪷सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 उप धाo 21 के अंतर्गत पंजीकरण है।
🪷साइबर सुरक्षा अधिनियम का पालन किया गया है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हिन्दू नववर्ष का आरंभ चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 मार्च, 2025 से हो रहा है। यह विक्रम संवत 2082 को हुआ।
🪷समस्त देखभाल और संरक्षण श्रीमती रमा दीक्षित जी के पास सुरक्षित है🪷
यह संस्था का उद्देश्य:
१. आत्म साक्षात्कार, चिंतन, मंथन हेतु है।
२. नारियों को स्वालंबी और आत्म निर्भर बनाना।
३. नशा उन्मूलन और युवा शक्ति को संरचनात्मक दिशा में प्रेरित करना।
नोट: इस संस्थान किसी भी पद को सुरक्षित नहीं करती है। इसके संस्थापक श्रीमती बैकुंठवशी स्वराज्य प्रकाश जी एवं शांति देवी जी हैं।
👉 निःशुल्क विधिक सेवाएं अधिवक्ता श्री दिव्यांशु कुमार जी एवं श्रीमती रूचि देवी जी (उच्च न्यायालय) एवं श्री सुधाकर कुमार जी (सत्रीय न्यायालय) द्वारा नियमित रूप निगरानी की जा रही है।
👉 यह रामायण वैदिक एजुकेशन फाउंडेशन किसी को सरकारी नौकरियों, किसी व्यापारिक प्रतिष्ठान नौकरी का लोभ, मानदेय इत्यादि देने का लाभ नहीं देता है। इसमें सेवा निःशुल्क सहयोग होने का महत्व है। वेबसाइट को अवलोकन ऑनलाइन करें।
आप सभी का हार्दिक अभिवादन।